Category TANTRA

कुबेर साधना

कुबेर साधना विनियोग: ॐ अस्य कुबेर मंत्रस्य विश्रवा ऋषिः, बृहती छन्दः, कुबेरः देवता, सर्वेष्ट–सिद्धये जपे विनियोगः। ऋष्यादिन्यास: विश्रवा ऋषये नमः शिरसी। बृहती छन्दसे नमः मुखे। कुबेर देवतायै नमः हृदि। सर्वेष्ट–सिद्धये जपे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे। करन्यास: ॐ यक्षाय अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ…

दशमयी बाला सङ्कटनाशिनी स्तोत्र

BALA TRIPURA SUNDARI
दशमहाविद्या की समष्टि रूपिणी भगवती बाला, जो ऊर्ध्वाम्नाय की नायिका है, के इस स्तोत्र का पाठ करने से समस्त संकटों का निवारण होता है। यह स्तोत्र मेरु-तन्त्र से उद्धृत है।

निगम एवं आगम विचारश्रोतों की धारायें

MAHAVIDYA

निगम एवं आगम विचारश्रोतों की धारायें निगम एवं आगम विचारश्रोतों की धारायें मुख्य रूप से तीन हैं- १.कर्म काण्ड २.ज्ञान काण्ड ३.उपासना काण्ड | यह तीनों विचार प्रकरण परस्पर सम्बद्ध है | तीनों धाराओं के त्रिवेणी रूप संगम में स्नान…

सामान्यार्घ्य और कारण-कलश स्थापन

CHAKRA PUJA

सामान्यार्घ्य और कारण-कलश स्थापन : अपने दक्ष भाग में एक अधोमुख त्रिकोण उसके बाहर वृत और उसके बाहर एक चतुरस्र का मंडल रक्तचन्दन या कुंकुम या सिन्दुर से बनाये और उसका निम्न मन्त्र से पूजन करे: ॐ श्री ललिता त्रिपुर…

श्री भैरव पञ्जर तन्त्रोक्त कवचम्

BATUK BHAIRAV

श्री भैरव पञ्जर तन्त्रोक्त कवचम् || पूर्व-पीठिका || पार्वत्युवाच देव देव महादेव संसार प्रियकारक | पञ्जरं बटुकस्यास्य कथनीयं मम प्रभो || श्री शिव उवाच पूर्वं भस्मासुरत्रासाद् भय विह्वलतां स्वयम् | पठनादेव मे प्राणा रक्षितः परमेश्वरि || सर्वदुष्ट विनाशाय सर्वरोग निवारणम्…

कुण्डलिनी शक्ति स्तोत्रम्

KUNDALINI

कुण्डलिनी शक्ति स्तोत्रम् जन्मोद्धानिरक्षिणीहतरूणी वेदादिबीजादिमानित्यम् , चेतसि भाव्यते भुवि कदा सद्वाक्यसञ्चारिणी | मां पातु प्रियदा स विपदं संहारयित्रि धरे, धात्रि त्वं स्वयमादिदेववनितादीनातिदीनं पशुम् ||१|| रक्ताभामृतचन्द्रिकालिपिमयी सर्पाकृतिर्निद्रिता, जाग्रत्कूर्मसमाश्रिता भगवती त्वं मां समलोकय | मांसोद्गन्धकुगन्धदोषजड़ितं वेदादिकार्यान्वितम्, स्वल्पान्यामलचन्द्रकोटिकिरणैनित्यं शरीरं कुरु ||२|| सिद्धार्थी निजदोषवित्…

श्रीबाला-सहस्राक्षरी स्तोत्रम्

BALA TRIPURA SUNDARI

श्रीबाला-सहस्राक्षरी स्तोत्रम् “ ऐं नमः श्री बालायै । ऐं नमो बालायै, त्रिगुण-रहितायै, क्लीं शिवा-रुपिण्यै, शिवोर्ध्व-गतायै, त्रि-मात्रायै, सौः सर्व-देवाधि-देवीश्वर्यै, ऐं खं ऐं खं ऐं खं फट् ।ॐ क्लीं ॐ क्लीं ॐ क्लीं फट् । हंसः सौः हंसः हंसः सौ फट् ।…

Urdhvamnaya Siddha Viraugha Guru Kavacham

Matsyendranand Nath

★ Urdhvamnaya Siddha Viraugha Guru Kavacham ★ ।।गुरु-ध्यान।। ध्यायेच्छिरसि शुक्लाब्जे,द्विनेत्रे द्विभुजं गुरुम्। श्वेताम्बर-परीधानं,श्वेत-माल्यानुलेपनम्।। वराभय-करं शान्तं, करुणा-मय-विग्रहम्। वामेनोत्पल-धारिण्या, शक्तयालिङ्गित-विग्रहम्।। स्मेराननं सुप्रसन्नं, साधकाभीष्ट-सिद्धिदम्। ।।कवच।। पर-नाथादि-नाथश्च, ब्रह्मरन्ध्रे सहस्रके। दिव्य-चक्रे च मे पातु, सर्व विश्वेश्वरेश्वर:।।१।। श्रीनाथ: पातु शिरसी, सिद्धि-दले तु श्रीपति:। वाग्देवी दुर्ग-नाथश्च, दुर्गा…

KUMARI PUJAN IN TANTRA

KUMARI PUJAN

KUMARI PUJAN IN TANTRA शक्ति उपासकों के अलावा सामान्य जनों में भी यह पूजा काफी प्रसिद्ध है। प्रत्येक अनुष्ठानों/पुरश्चरणों के निर्विघ्न सम्पन्नता हेतु सभी साधकों को बीच-बीच में यह पूजन अवश्य करना चाहिए। संकल्प: देशकालौ संकीर्त्तय अमुक-फल-प्राप्तयेऽमुक कर्मण्यमुक-देव्या: प्रीतये गणेश-वटुकादिसहित…

Nine Flowers for Uttara Kaul

KUMARI PUJAN

Nine Flowers for Uttara Kaul (१) स्वपुष्प: विवाहिताया: कन्याया: प्रथमे ऋतु-सम्भवे। तच्छोणितं महेशान स्वपुष्पं परिकीर्त्तितम्।।८।। (२) स्वंयभू कुसुम: अविवाहिताया: कन्याया शिवस्पर्शाद्रजस्वला। तद्द्रव्यञ्च महादेव स्वंयभू-कुसुमं प्रभो।।९।। (३) वज्रपुष्प: विवाहिताया: कन्याया: पुरुषस्य च ताड़नात्। यदि पुष्पं समुद्भूतं वज्रं तत् परिकल्पितम्।।१०।। (४) कुण्डोद्भव:…

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